विद्यार्थियों को एक सफल और उपलब्धिपूर्ण जीवन की ओर अग्रसर होने के लिए उपरोक्त उक्ति को चरितार्थ करना होगा। स्वास्थय का अर्थ, केवल शरीर का रोगमुक्त होना ही नहीं वरन् मन और मस्तिष्क का निर्विकार होना भी आवश्यक है।
बाल ज्ञान निकेतन इन्टर कॉलेज में, प्रतिवर्ष निशुल्क स्वास्थय शिविर आयोजित होता रहा है। पिछले दो वर्षो से, कोरोना त्रासदी के कारण, शिविर सम्पन्न नही हो पाया है। विद्यालय में पूर्व वर्षों में, शिशु रोग विशेषज्ञों, हृदय रोग, आई सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थय शिविर आयोजित होते रहे हैं। जिसमे निशुल्क, आई ड्रॉप्स, डेंगू की दवाई आदि दिए जाते रहे हैं।
शिक्षा और स्वास्थय गरिमा रूपी सफल जीवन के दोनों मजबूत पहिएं हैं। शिक्षा यदि प्राण है तो स्वास्थ्य प्राण स्तम्भ हैं ।
विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा से संस्कार और चिकित्सा से अच्छा स्वास्थय बनाये रखने मे मदद मिलती है।
एक अच्छा गुरु विद्यार्थी मे श्रेष्ठ शिक्षा रूपी प्राण प्रतिष्ठित करता है तो चिकित्सक प्राणो को सुरक्षित रखने वाली संजीवनी प्रदान करता हैं । अतः शिक्षक और चिकित्सक दोनों की गुरुता महान व अद्वितीय हैं।
"Prevention is always better than cure" के सिद्धान्त का आवाहन करते हुए, सभी शिक्षकों को मेरा अनुरोध है कि बच्चों को रोगों से बचाव के लिए विभिन्न उपायों की चर्चा करें और वह एक स्वच्छता अभियान चला कर, बच्चों को रोगों से मुक्ति की प्रेरणा दें। बच्चों को उचित आहार विहार के बारे में शिक्षित करें जिससे वह एक निरोगी जीवन यापन करके, उच्च शिक्षा की ओर बढ़ सकें।
शुभकांक्षिणी
डॉ. वाई डी शर्मा
MBBS MD नेत्र रोग विशेषज्ञ
( सत्या हॉस्पिटल चाँदपुर)