सभी शिक्षकों / शिक्षिकाओं तथा विद्यार्थियों के लिए लिए निर्धारित अनिवार्य वेशभूषा सभी के लिए निश्चित हैं । जो शीत कालीन और ग्रीष्म कालीन दो व्यवस्थाओं के अनुसार रहता हैं । आवश्यकता होने पर विद्यालय अनुशासन समिति तथा मा प्रबन्धक समिति के निर्णयों के आधार पर वेशभूषा में परिवर्तन भी सम्भव रहता हैं।
शिक्षक वेशभूषा:- निर्धारित कलर में पेन्ट शर्ट तथा शीत काल में निर्धारित कलर कोट या जॉकेट पहनकर आना आवश्यक रहता हैं।
शिक्षिकाओं के लिए:- निर्धारित कलर में कुर्ता सलवार या साड़ी । जाड़ों में जर्सी, कोट तथा शाल निर्धारित कलर में।
विद्यार्थी वेशभूषा :- सभी छात्र - छात्रायें भी निर्धारित कलर के वेशभूषा पहनकर ही आते हैं । छात्रों के लिए पेन्ट शर्ट तथा जाड़ों में जर्सी कोट ।
छात्राओं के लिए : - कुर्ता सलवार तथा चुन्नी । शीत काल मे जर्सी व कोट ।
अनुशासन अनिवार्य हैं इसको प्रभावी बनाने के लिए सभी को ( शिक्षकों / विद्यार्थियों को) नियमों शर्तों का पालन आवश्यक हैं । विद्यालय में विलम्ब से आना, निर्धारित वेश में न आना, कार्य के प्रति उदासीनता, अवज्ञा ,आदेशों की अवहेलना आदि अनुशासन हीनता हैं । इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों में अलग - अलग अनुशासन कमेंटी वनी हैं । अन्तिम निर्णय प्रधानाचार्य / मा. प्रबन्धक जी का मान्य होगा I
विद्यालय में वर्षपर्यान्त छात्र - छात्राओं, शिक्षकों आदि की भिन्न - भिन्न प्रतियोगितायें होती है। परीक्षादि तथा प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने व यशस्वी कार्य करने पर विद्यालय की और से पुरस्कार तथा सम्मान पत्र दिये जाते है। इससे विद्यार्थियों में प्रगति तथा प्रोत्साहन की भावना बढ़ती हैं । दैनिक रूप से विद्यार्थियों को प्रार्थना मंच पर सम्मानित व पुरस्कृत भी किया जाता है।