अभिभावको के लिए सन्देश

हमारा मानना है कि शिक्षक और माता पिता दोनों मिलकर, बच्चों का संयुक्त रूप से विकास करने और सुशिक्षित करने मे मदद कर सकते है। इसलिए नियमित रूप से पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाता है। सभी अभिभावकों से अपेक्षा है कि दोनो माता पिता पी. टी. एम. और ओरिएंटेशन मीटिंग में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे। यदि किसी कारणवश, पिता या माता आने मे असमर्थ हो तो कोई एक, माता या पिता को अवश्य आना जरूरी है। यदि कोई इमरजेंसी के कारण, दोनों ही आने मे असमर्थ हैं तो अगले दिवस पर, कक्षा अध्यापक से सम्पर्क करके मिलें। सदैव हमारा प्रयास रहता है कि बच्चे के सर्वांगीण विकास में अभिभावक एवं अध्यापक मिलकर सभी समस्याओं का मूल्यांकन करके निराकरण कर सके। अतः आपसे अनुरोध है कि दोनों प्रकार की मीटिंग में अवश्य भाग लें।

  • स्कूल मे एक ओरियंटेशन मीटिंग और दो पीटीएम मीटिंग का आयोजन किया जाता हैं।
  • ओरियंटेशन मीटिंग

  • ओरियंटेशन मीटिंग में हम निम्न बिंदुओं पर चर्चा करते हैं।
  • बच्चों की समस्याओं की जानकारी लेकर उसके समाधान पर चर्चा।
  • अभिभावक के कर्तव्य तथा स्कूल के कर्तव्य को लेकर चर्चा।
  • स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए क्या - क्या मापदंड तैयार किए गए हैं। इस विषय पर चर्चा।
  • इस मीटिंग में अभिभावक, अपने बच्चों की शिक्षा को और बेहतर कैसे बनाएं। इस विषय पर चर्चा।

पेरेंट्स टीचर मीटिंग

पेरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों/अभिभावक को मासिक परीक्षा, अर्धवार्षिक परीक्षा, के परीक्षाफल देने के समय आयोजित की जाती है। जिसमें कक्षा अध्यापक विषय वार, बच्चे की परफॉर्मेंस की चर्चा अभिभावकों से करते है और अभिभावक को सूचित किया जाता है कि अमुक विषय में, उनका बच्चा, अच्छा / बहुत अच्छा/ कम अच्छा परफॉर्म कर रहा है और कहां पर और किस विषय में, उसे अतिरिक्त मदद की आवश्यकता है।

पेरेंट्स टीचर मीटिंग में शिक्षको द्वारा अभिभावकों को, बच्चों के शिक्षा एवं व्यवहार से संबंधित निर्देश भी दिए जाते है। तथा स्कूल के विकास के बारे में, अभिभावकों द्वारा दिए गए सुझाव भी आमंत्रित किए जाते हैं। जिससे स्कूल को एक धनात्मक दिशा दी जा सके।

अवकाश के सम्बन्ध में:-

अधिकतर, अभिभावक अपने घर के कार्यों, शादी, विवाह, फैमिली फंक्शन आदि को अधिक महत्व देते हुए, बच्चों की अनावश्यक छुट्टी की स्कूल से मांग करते हैं और बच्चों को, स्कूल नही भेजते जिससे बच्चे को अनवरत पढ़ाई में अवरोध पैदा होता है। विद्यालय में बिना सूचित किए, घर के कार्यों में, बच्चे को संलग्न कर लेते हैं।

विद्यालय, इस प्रकार की मानसिकता की अनुमति प्रदान नही करता है कि जिसमें बच्चे का अहित हो। अतः इस प्रकार की कोई स्वतंत्रता विद्यालय नही देता है। इस पर, तुरन्त प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी।

(छात्र डायरी के संबंध में)

स्कूल मे नर्सिंग से कक्षा 8 तक के छात्रों को डायरी दी जाती है। जिसमे अभिभावकों को सूचनाएं तथा सभी विषयों का गृह कार्य लिखा जाता है। कृपया अभिभावक बच्चे की डायरी रोजाना चेक करें और अभिभावक छात्र संबंधित सूचना भी लिख कर भेज सकते हैं।

(विद्यालय शुल्क जमा करने के सम्बन्ध मे:)

  • अभिभावक का कर्तव्य है कि वार्षिक शुल्क की समुचित जानकारी, विद्यालय से प्राप्त करके, तय समय सीमा के अन्दर, बच्चे की फीस जमा कराएं।
  • यदि यदि कोई छात्र विद्यालय वाहन द्वारा आ रहा है, तो वाहन शुल्क प्रति माह जमा होना आवश्यक है।
  • सम्पूर्ण वार्षिक फीस को, तीन किश्तों में बांटा गया है, जिसकी जानकारी आपको विद्यालय से प्राप्त हो जाती है, उसी के अनुसार, आपका दायित्व है कि आप समय पर फीस जमा करें।