बाल ज्ञान निकेतन विद्यालय के सभी छात्र - छात्राओं की सम्मानित माताओं को शुभ कामनाओं के साथ स्नेहाशीष युक्त संक्षिप्त विचारो की झाँकी :-
माँ सन्तानों के लिए ममता और स्नेह की साक्षात मूरत हैं। अपने पुत्र - पुत्रियों को सफलता की चरम सीमाओं तक ले जाने हेतु साहस भरी सूरत हैं। माँ पहली गुरु हैं। माँ श्रेष्ठ ज्ञान हैं। माँ सभी प्राणियों के लिये विधाता का श्रेष्ठ वरदान हैं। माँ जीवन हैं, माँ संसार हैं, माँ प्राण हैं, माँ सभी के लिए प्रेरणा पद आधार हैं, माँ ही निर्माता हैं और असीम शक्ति दाता हैं, माँ श्रेष्ठ भावना हैं विचार हैं और इसी लिए माँ को ही सभी प्राणियों की जननी कहलाने का अधिकार हैं। अत: माता अपने ममत्व के भावों से एक मूक वंधिर, अवोध प्राणीको भी श्री गणेश विनायक वना देती हैं।
माँ अपनी सन्तानों को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाती हैं, हतोत्साहित असफल भी हो जाने पर पुनः प्रोत्साहित करती हैं और सफलता की असीम ऊंचाईयों तक ले जाती हैं, माँ ही विधाता की श्रेष्ठतम् कृति (रचना) को सर्व श्रेष्ठ माता बना देती हैं। इसीलिए माता ही ममता, स्नेह और वात्सल्य की साक्षात प्रति मूर्ति कहलाती हैं ।
शुभाकांक्षणी
श्रीमती रचना शर्मा
(एम.एस.सी.जीव विज्ञान)